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11 Feb 2022 · 1 min read

नजर से मत गिरो

पैमाने से सागर जिस तरह छलकता है कोई ,
किसी की नज़रों से यूँही गिरता है कोई ,
संभाला नहीं जाता जिनसे दामन औ ज़मीर ,
खुदा की नज़र में भी पशेमा होता है कोई .

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