Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Feb 2022 · 1 min read

बाट पे, बिछे बिछे भाटे भाटे l

बाट पे, बिछे बिछे भाटे भाटे l
चाह चाहत, भाटे चाटे चाटे ll

मुई मंजिल है महंगी महंगी l
महनत है मनाये मिर्गी मिर्गी ll

ऊबे ऊबे और उलटे उलटे l
प्यास प्रताप सोचे, पलटे पलटे ll

बाट पे, बिछे बिछे भाटे भाटे l
चाह चाहत, भाटे चाटे चाटे ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

Loading...