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10 Feb 2022 · 1 min read

तुर्बत में आ गये है।

आज हम पहनकर कफ़न तुर्बत में आ गये है।
अपने ही दफन करके हमको घर को जा चुके है।।1।।

थोड़ी भी देर ना रखा यूँ हमको अपने ही घर में।
मेरी मय्यत पर देखो मेरे अपने सब गैर हो गये है।।2।।

थोड़ा रो कर सबने बस फ़र्ज़ अदायगी कर दी।
किसी को भी मर ने पर हम अच्छे ना लग रहे है।।3।।

सबका खर्च मैं ही उठता था यूँ तो इस घर का।
सारे के सारे आज हमको मतलबी से लग रहे है।।4।।

घर पर किसी को गम ना है ऐसे मेरे मरने का।
फिक्र है सबमें रहेंगें कैसे पैसे जो ना मिल रहे है।।5।।

गर मरता ना तो जान ही ना पाता इन सभी को।
अच्छा हुआ बड़े खुश है चलो हम तो मर गये है।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

1 Like · 2 Comments · 228 Views
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