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7 Feb 2022 · 1 min read

मोहब्बत के सफर में

मोहब्बत की
पहल करी थी जिसने
वह फिर पीछे हट गया और
मोहब्बत के सफर में
मोहब्बत फिर रह गई एक तरफा और
तन्हा
मोहब्बत का बिगुल
खुद फूंककर
फिर कर दिये
हवा गुजरने के
सारे दरवाजे बंद
अपनी ही हद में
कैद हो गई फिर
उस बदकिस्मत की बेबस
मोहब्बत
जार जार रोये
उसे सुनने वाला
अब इस दुनिया में
नहीं और कोई
बस उसके सिवाय।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
250 Views
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