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5 Feb 2022 · 1 min read

मेरी पतवार भी तू , मेरा साहिल भी तू, मेरी मंजिल भी तू

मेरी पतवार भी तू , मेरा साहिल भी तू, मेरी मंजिल भी तू
एक तुझसे ही मेरी कोशिशों का समंदर हो रहा रोशन

मेरा हमसफ़र भी तू , मेरे प्रयासों का समंदर भी तू
एक तुझसे ही मेरे प्रयासों का कारवाँ हो रहा रोशन

मेरी हर एक जीत में तू , मेरी हर एक हार में भी तू
एक तुझसे ही मेरी खुशियों का कारवाँ हो रहा रोशन

मेरे हर एक सुख में भी तू , मेरे हर एक दुःख में भी तू
एक तुझसे ही मेरी जिन्दगी का हर एक पल हो रहा रोशन

मेरे गीतों में भी तू , मेरी गज़लों में भी तू
एक तुझसे ही मेरी कलम हो रही रोशन

मेरे विचरों के बहाव में भी तू , ठहराव में भी तू
एक तुझसे ही मेरे विचारों का समंदर हो रहा रोशन

मेरे ज़ख्मों में मरहम है तू , मेरे ज़ख्म भी तू
एक तुझसे ही मेरी काबिलियत का परचम हो रहा रोशन

मेरे ग़मों में भी तू , मेरी खुशियों में भी तू
एक तुझसे ही मेरी जिन्दगी का हर पल हो रहा रोशन

मेरी पतवार भी तू , मेरा साहिल भी तू, मेरी मंजिल भी तू
एक तुझसे ही मेरी कोशिशों का समंदर हो रहा रोशन

मेरा हमसफ़र भी तू , मेरे प्रयासों का समंदर भी तू
एक तुझसे ही मेरे प्रयासों का कारवाँ हो रहा रोशन

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