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2 Feb 2022 · 1 min read

छत वाला प्यार

वो छत पर आती थी बाल सुखाने के बहाने
हुचका ले वो भी आता पतंग उड़ाने के बहाने

बाल झटक गर्दन घुमा कर जब वो देखती
नजर मिलती दोनों की हल्के से मुस्काती
मांझे से उंगली कटती खून बहाने के बहाने

वो छत पर…….

आंखों से आंखें मिली जब तो प्यार हो गया
एक दूजे का दिल छत वाले प्यार में खो गया
बेताबी बढ़ने लगी तो ढूंढ रहे मिलने के बहाने

वो छत पर…….

दोनों छतों की दूरी घटी तो प्यार बढ़ने लगा
छत वाला प्यार सर पर दोनों के चढ़ने लगा
प्यार का हुचका थाम लिया पतंग उड़ाने के बहाने

वो छत पर आती थी बाल सुखाने के बहाने
हुचका ले वो भी आता पतंग उड़ाने के बहाने

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