श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी
माखन चोर नन्दकिशोर, चुपके से माखन खावे।
मटकी फोड़े ओर गिरावे,सखा पे दोष लगावे ।।
वंशी मधुर बजाते हो,सखियों को हे रिझाते।
तंग करे नटखट छलिया, बीच राह हे सताते।।
मधुर बजे वंशी की धुन,राधा नाचे छम।
गउयें रंभाती हे कान्हा,बछड़े का हे निकले दम।।
आकर दरश दो मोहन,करो सब पर उपकार।
प्यासे नैना हे तरस रहे,करो सबको साकार।।
साँवलि छवि हाथ मुरलिया, बैठे कदम की डाल।
गो पिन संग रास रचावैं,जावें तलैया ताल।।
पग में हे बाँधे पैजनिया,हाथ हे मुरली बैरन।
सुन मुरली की धुन को,नींद उड़ी राधा नैनन।।
सुषमा सिंह