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1 Feb 2022 · 1 min read

महंगाई एक त्यौहार

महंगाई की मार है,
यह तो एक त्यौहार है ।
जो त्यौहार एक बार नहीं,
मानते है हर एक दिन गरीब ।
भूखमरी लगता है,
गरीबों का एहसान है।
महंगाई एक महामारी है,
हर एक जगह हाहाकार है।
भूख लगती है तीन बार है ,
क्या करें ?गरीब लाचार है !

गौतम साव

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 479 Views
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