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1 Feb 2022 · 1 min read

मेरी माँ!

माँ आपसे दूर हूँ, पर ये मेरा दिल नहीं,
आपकी कमी महसूस होती है पर यहाँ आप नहीं,
आपकी बातें सच होती नजर आ रही है,
पर आपकी नजर में वो नज़र आयें वो नजर यहाँ हैं नहीं,
आपके हाथ के बने खाने और वो निवाले यादों में हैं बस! मूहँ में नहीं,
माँ मैंने हमेशा जन्नत माना,
पर पराया कह – कह कर पराया कर ही दिया,
नहीं कोई शिकवा आपसे,
होती हैं ये बिटिया की माँ से!

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