Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2022 · 1 min read

बापू की पुण्य तिथि पर

बापू की पुण्यतिथि पर
******************
बापु तुम्हारी पुण्य तिथि पर तुमको क्या मै बताऊं,
आज तिरंगा रो रहा है किस किस को मै समझाऊं ।

नाम किसानों का लेकर ये झंडा खालिस्तानी फहराते,
शोरगुल व तोड़ फोड़ कर अपनी बाते मनवाना चाहते।

अब तो तुम्हारे तीनों बंदर भी गूंगे बहरे अंधे हो गए है,
सत्य अहिंसा का मार्ग छोड़ ये मस्त कलंदर हो गए हैं।

शायद तुम होते अब भारत में, कुछ नहीं तुम कर पाते ,
तुम्हारी लाठी चश्मा, लंगोटी को भी छीन कर ले जाते।

आज भारत में एक बार फिर तुम इनको को समझाओ,
समझ सकते न तुम्हारी बातें तो इनको साथ ले जाओ।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
7 Likes · 7 Comments · 511 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

इंसानियत अभी जिंदा है
इंसानियत अभी जिंदा है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
Ajit Kumar "Karn"
" जब "
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्तों की हरियाली
रिश्तों की हरियाली
सुशील भारती
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
मैं अपने जीवन की एक कहानी,तुमको,तुमको सुनाता हूँ
gurudeenverma198
बुढ़ापा आ गइल बाकिर...
बुढ़ापा आ गइल बाकिर...
आकाश महेशपुरी
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
हजारों के बीच भी हम तन्हा हो जाते हैं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अफ़सोस
अफ़सोस
Shekhar Chandra Mitra
"अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस( 08 मार्च 2025) पर विशेष"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पनघट
पनघट
Kanchan Advaita
प्रेरक प्रसंग
प्रेरक प्रसंग
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यूं ही रंग दिखाते रहिए।
यूं ही रंग दिखाते रहिए।
Kumar Kalhans
एक और परीक्षा बाकी है।
एक और परीक्षा बाकी है।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
राष्ट्रकवि दिनकर जी को स्वप्न में भी कल्पना नहीं रही होगी कि
राष्ट्रकवि दिनकर जी को स्वप्न में भी कल्पना नहीं रही होगी कि
*प्रणय प्रभात*
अपने शौक को जिंदा रखिए ..
अपने शौक को जिंदा रखिए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
हे मृत्यु
हे मृत्यु
कृष्णकांत गुर्जर
कोई और नहीं
कोई और नहीं
Anant Yadav
* मिट जाएंगे फासले *
* मिट जाएंगे फासले *
surenderpal vaidya
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
ଭୋକର ଭୂଗୋଳ
Bidyadhar Mantry
सही फैसला दिलों के फासले मिटा देते हैं।
सही फैसला दिलों के फासले मिटा देते हैं।
DR. RAKESH KUMAR KURRE
कटे पेड़ को देखने,
कटे पेड़ को देखने,
sushil sarna
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
ये हक़ीक़त है ज़िंदगानी की,
Dr fauzia Naseem shad
BET88⭐Nha ca Xanh Chin Hang Dau Chau A⭐
BET88⭐Nha ca Xanh Chin Hang Dau Chau A⭐
bet88accountant
पृथ्वी की परिधि
पृथ्वी की परिधि
अंकित आजाद गुप्ता
हसरतें हैं जो अब, धुंधली सी नजर आती हैं।
हसरतें हैं जो अब, धुंधली सी नजर आती हैं।
श्याम सांवरा
वक़्त
वक़्त
प्रकाश कुमार "बाग़ी"
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
Ravi Prakash
प्रकृति ही ईश्वर है ,
प्रकृति ही ईश्वर है ,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*Flying Charms*
*Flying Charms*
Poonam Matia
ये जरूरी तो नहीं
ये जरूरी तो नहीं
RAMESH Kumar
Loading...