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30 Jan 2022 · 1 min read

मां

कितनी रात जागी होगी वो
खुद को सुलाने से पहले
क्या कुछ नहीं सहा उसने
अपनी असली उम्र आने से पहले।।

रोई बहुत होगी देखना अपने सपनों को भूलाने से पहले
फिर भी लडती रही अपना वजूद मिटाने से पहले ।।

अच्छा सबक मिला ज़िंदगी में आगे बढ़ जाने से पहले
कैसे रही होगी वो बिन ख़र्च ज़िंदगी गवाने से पहले।।

क्या ज़िन्दगी रही होगी उसकी
ये कदम उठाने से पहले
कितनी रात जागी होगी वो
खुद को सुलाने से पहले ।।

✍️✍️ रश्मि गुप्ता ** Ray’s Gupta

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