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28 Jan 2022 · 1 min read

कर्मो से ही सजती हैं सब की तक़दीर...

किस्मत के पन्नो पे लिखा हैं
सब का अपना अपना कर्म…!
कर्मो से ही सजती हैं सब की तक़दीर..!!
जो कुछ भी हो रहा हैं जिंदगानी में,
वो तो हैं सब की अपनी अपनी करणी..
ईश्वर भी नहीं होते उसके जिम्मेदार…!!
जो जैसा बोता हैं… वैसा ही पाता हैं सदा,
तो कर्म करो नेक..मिलेंगी कीमत उसकी हमेशा नेक..!
भुगतना भी यहां ही हैं तो समझदारी अपनाओ
कोसोमत अपने वजूद और ज़िंदगी को
‘भावना’ ‘स्नेह’ ‘संबधं’ ‘लगाव’ ‘संघर्ष’,’परिश्रम’
ऐ अनमोल खजाना क़ुदरत का..!
जो सबको दिया हैं ईश्वर ने,
तो.. उसे अपनाओ कभी न हिचकिचावों,
तक़दीर को तक़दीर से मिलावो..
खुशहाल जीवन बितावो…!!!!

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