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24 Jan 2022 · 1 min read

'भारत की नारी'

त्याग तपस्या और बलिदान
है यही मेरी पहचान।
भारत की महान संस्कृति में
नारी की है अलग पहचान।
जननी सम पूजी जाती है भूमि जहाँ
वो है मेरा देश महान।
पूजी जाती है कन्या घर-घर में
मैं उस भारत की संतान।
ममता की नदिया सी बहती
शालीनता की पहचान।
क्रोधित जो कर दे तो
मुश्किल में आए उसकी जान।
अंतरिक्ष की पटरानी हूँ
पहाड़ों की चोटी की भी शान।
देश जो मुश्किल में आ जाए
दे सकती हंसकर अपनी जान।
मैं हूँ भारत की संतान ,
है मेरे हाथों में भी तीर कमान।
©®

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