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21 Jan 2022 · 1 min read

कट गई इतनी तो ___ घनाक्षरी

तूने ऐसा काम किया मुझे बदनाम किया
लिया कैसा बदला ये समझ ना पाया हूं।।
दिन रात एक किया दिया सब कुछ तुझे।
तुमने तो फिर मुझे काहे को सताया है।।
यह करो वह करो भरो बस जेब मेरी।
तेरी कमाई से कुछ मैने नही खाया है।।
अति जब होने लगी,रोने लगी आंख तब,
छोड़ तुझे दूजा अब ठिकाना बनाया है।।
****************”**************
कट गई इतनी तो और भी कट जाएगी।
हमारी जबान बस गीत यही गाएगी।।
पूंजी ईमानदारी की हमको तो मेरे यारा।
अब तक भा गई और आगे भी भाएगी।।
रहने को मकान है,मिल जाती रोटी हमे।
तन ढंका कपड़ो से,गुजर ही जायेगी।।
हमको तुमको जग छोड़ना है सबको ही।
अच्छी बुरी यादें ही रह यहीं जायेगी।।
राजेश व्यास अनुनय

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