जीवनपथ
जीवनपथ
********
जीवन में उतार चढ़ाव आना
आश्चर्यजनक तो नहीं,
यही तो जीवन है।
जीवनपथ पर चलते हुए तो
ऐसा होता ही रहता है,
कभी हम सबसे आगे
कभी कुछ से आगे,
तो कभी कुछ से आगे, कुछ से पीछे।
ये सब चलता रहता है
आगे भी चलता रहेगा।
आगे पीछे के चक्रव्यूह में
न फँसना है दोस्तों,
वरना आगे जाओ न जाओ
मगर ये पक्का है
कि पीछे और पीछे ही जाओगे
एक दिन सबसे पीछे रह जाओगे और फिर वह दिन भी आ जायेगा
जब हम बहुत पीछे हो जायेंगे,
लोगों की नजरों से भी
ओझल हो, गुमनाम हो जाएंगे।
● सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित