Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2022 · 1 min read

वाद्विभक्ति

आधार छंद- वाद्विभक्ती (मापनीयुक्त मात्रिक)
मापनी- गागाल लगागागा गागाल लगागागा
२२१ १२२२ २२१ १२२२
समान्त- आये, अपदान्त

—: गीतिका :—
२२१ १२२२ २२१ १२२२
कान्हा मुरली प्यारी,राधा मन-मन भाये।
मनमीत मुरारी ने,उर चोर लिया हाये।।

वो नटखट मोहन से,मिलना यमुना तीरे,
मृदु नेह सुलोचन में, स्वर्णिम सपने छाये।

द्वय एक हुए मन से, जोगन बन जोग लिया
मन मुग्ध हुई मीरा, मृदुगान मगन गाये।।

अनुराग जगा ऐसा, हर छोर पिया दीखे,
देखूँ जब भी दर्पण, छवि श्याम की भरमाये।

नीलम मृगतृष्णा से,मीठा भ्रम पलता है,
दिव्य ज्योति हरे तम मन,नवभोर निखर आये।
नीलम शर्मा ✍️

3 Likes · 6 Comments · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
Shweta Soni
युद्ध और शांति
युद्ध और शांति
Suryakant Dwivedi
गीत- लगें कड़वी मगर बातें...
गीत- लगें कड़वी मगर बातें...
आर.एस. 'प्रीतम'
"अक़ीदा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी कैमेरा बन गयी है ,
जिंदगी कैमेरा बन गयी है ,
Manisha Wandhare
मतदान दिवस
मतदान दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
एक बने सब लोग
एक बने सब लोग
अवध किशोर 'अवधू'
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
gurudeenverma198
महंगाई एक त्यौहार
महंगाई एक त्यौहार
goutam shaw
*भीतर के राज आजकल गाती कचहरी (हिंदी गजल)*
*भीतर के राज आजकल गाती कचहरी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
धरोहर
धरोहर
Kanchan Alok Malu
"आखिरी निशानी"
Dr. Kishan tandon kranti
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
Phool gufran
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
Paras Nath Jha
यह जीवन
यह जीवन
surenderpal vaidya
चाहे जितने दीजिए, ताने मुझे हुजूर
चाहे जितने दीजिए, ताने मुझे हुजूर
RAMESH SHARMA
तानाशाहों का अंज़ाम
तानाशाहों का अंज़ाम
Shekhar Chandra Mitra
उड़ने लगी गगन में।( काव्य गीत)
उड़ने लगी गगन में।( काव्य गीत)
Priya princess panwar
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Chaahat
🙅व्यूज़ की पाठशाला🙅
🙅व्यूज़ की पाठशाला🙅
*प्रणय प्रभात*
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
Mukesh Kumar Rishi Verma
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
दोहा पंचक. . . . .
दोहा पंचक. . . . .
sushil sarna
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
Rj Anand Prajapati
Sometimes we feel not worthy enough.It seems everything is m
Sometimes we feel not worthy enough.It seems everything is m
पूर्वार्थ
यादों के दरीचे से
यादों के दरीचे से
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
राम
राम
Meenakshi Bhatnagar
"इत्र, मित्र, और चरित्र किसी परिचय के मोहताज नहीं होते,
Madhu Gupta "अपराजिता"
4603.*पूर्णिका*
4603.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उसकी मर्ज़ी का खेल था सारा
उसकी मर्ज़ी का खेल था सारा
Dr fauzia Naseem shad
Loading...