गाँव में आओ
खुदसे अधिक दूसरों का जिकर सुनना
हो तो गाँव में आओ
खुद से अधिक दूसरों की फिकर देखना
हो तो गाँव में आओ
असली योजना आयोग की बैठक गाँव
में ही तो होती है,
तुम्हे ग़र असली तीर -ए -नज़र देखना
हो तो गाँव में आओ
-सिद्धार्थ गोरखपुरी