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1 Jan 2022 · 1 min read

बचपन की फुलवारी में

गली गली खिली
नन्ही कलियां
बचपन की फुलवारी में
फूल बन खिली
खिलखिलाती एक साथ
इतराती, इठलाती एक साथ
कभी न लड़ती
कभी न झगड़ती
वह सब तो बस मुस्कुराती
एक साथ
साथ उनका जब तक बना रहेगा
क्यारी क्यारी खिल जायेगी
बचपन का फूल उनका महकेगा
फूलों से लदी पेड़ों की डाली
एक नवयौवना सी
उनका साथ पाकर लज्जा से
गर्दन झुकाकर
उन्हें चूमने के लिए
उनके चेहरों की लबों पे फैली
मुस्कुराहटों पर लटक जायेगी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
433 Views
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