Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2021 · 1 min read

बदल रहा फिर से एक वर्ष

बदल रहा फिर से एक वर्ष
*********************

बदल रहा फिर से एक वर्ष।

तूफानों से जूझ जूझ कर
अंधियारों से लड़ते भिड़ते
बड़े-बड़े बगुले भी रोते
देख-देख चूजे का हर्ष।

बदल रहा फिर से एक वर्ष।

मजदूरों की रोटी रोती
रह जाती है खाली थाली
गद्य पद्य नाटक रोते हैं
लगी भूख,कैसा उत्कर्ष!

देखो बदल रहा है वर्ष।

कैसी करुणा,भाव अनोखे
अपनो पर कैसा विश्वास
सबकी माया छल ही जाती
क्यूँ,कैसे कोई पाये हर्ष ?

बदल रहा फिर से एक वर्ष।

प्रेम सुधा की साँस मधुर
मधुर रहे जीवन की आस
सब जन प्रमुदित हों,झूमें गाएं
सदा हर्ष ही हो निष्कर्ष!

देखो बदल रहा है वर्ष।
फिर से बदल रहा एक वर्ष।
–अनिल मिश्र,प्रकाशित

आंग्ल नव वर्ष पर सभी मित्रों को अनंत मंगलकामनाएं!?????

Language: Hindi
523 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तुझे क्या लिखूं?
तुझे क्या लिखूं?
Shubham Anand Manmeet
क्या यह कलयुग का आगाज है?
क्या यह कलयुग का आगाज है?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*बता दे आज मुझे सरकार*
*बता दे आज मुझे सरकार*
Dushyant Kumar
अंजुली भर नेह
अंजुली भर नेह
Seema gupta,Alwar
हौसला जब भी हारता हूं मैं
हौसला जब भी हारता हूं मैं
अरशद रसूल बदायूंनी
दिल से जाना
दिल से जाना
Sangeeta Beniwal
3856.💐 *पूर्णिका* 💐
3856.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जीवन
जीवन
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
धूप छांव
धूप छांव
प्रदीप कुमार गुप्ता
यह मूर्दों की बस्ती है
यह मूर्दों की बस्ती है
Shekhar Chandra Mitra
sp68रह-रह के/ उन्हें है इश्क/ इलाही इस कदर
sp68रह-रह के/ उन्हें है इश्क/ इलाही इस कदर
Manoj Shrivastava
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
प्रणय
प्रणय
*प्रणय प्रभात*
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
*जितनी चादर है उतने ही, यदि पॉंव पसारो अच्छा है (राधेश्यामी
Ravi Prakash
The Uncountable Stars
The Uncountable Stars
Buddha Prakash
" रे, पंछी पिंजड़ा में पछताए "
Chunnu Lal Gupta
हमारे पास आना चाहते हो।
हमारे पास आना चाहते हो।
सत्य कुमार प्रेमी
सोंच
सोंच
Ashwani Kumar Jaiswal
मेरा होकर मिलो
मेरा होकर मिलो
Mahetaru madhukar
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
"अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
बड़ी मुद्दतों के बाद
बड़ी मुद्दतों के बाद
VINOD CHAUHAN
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
पहले लोगों ने सिखाया था,की वक़्त बदल जाता है,अब वक्त ने सिखा
Ranjeet kumar patre
चलो चलते हैं धरा पर...
चलो चलते हैं धरा पर...
मनोज कर्ण
ज़िन्दगी का भी मोल होता है ,
ज़िन्दगी का भी मोल होता है ,
Dr fauzia Naseem shad
जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी
जाने कितनी बार गढ़ी मूर्ति तेरी
Saraswati Bajpai
20
20
अश्विनी (विप्र)
हिंग्लिश
हिंग्लिश
Shailendra Aseem
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
कोशिश करके हार जाने का भी एक सुख है
पूर्वार्थ
Loading...