जाहिल या काफिर
गिरजाघर में यीशु की मूर्ति को तोड़कर ,
किया किसी ने निंदनीय काम।
यानी के दुर्भाग्य को किया अपने नाम ।
कैसी मानसिकता के लोग होते है यह लोग,
इनको जाहिल कहें या काफिर ?
जो करते इंसानियत को बदनाम ।
पीर ,पैगम्बर,संत ,महात्मा ,जो भी हो ,
होते है तो महापुरुष ही न !
प्यार , करुणा ,भाईचारा और शांति का संदेश देना ,
होता है इनका महत्वपूर्ण काम।
खुदा ने ही भेजा होता है इन्हें अपना दूत बनाकर ,
सौंपकर जग को सन्मार्ग पर चलाने का काम।
ईश्वर के ऐसे महान पुत्रों के संग दुर्व्यवहार करना,
है जग में सबसे घृणित का काम ।
वो कभी क्षमा ना करता ऐसे दुष्ट जनों को ,
होता सदैव नर्क इनके नाम ।