Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
25 Dec 2021 · 1 min read

तीन शेर

तीन शेर
(1)
सभी को रास्ता सच का पता तो है मगर फिर भी
न जाने क्यों हमेशा यह सड़क सुनसान रहती है
(2)
पता है आदमी को ही कला यह मुस्कुराने की
कभी भैंसों को भी क्या मुस्कुराते तुमने देखा है
(3)
तराशा जो भी जाएगा बढ़ेंगी कीमतें उसकी
वो देता दर्द भी है तो छिपी होती है अच्छाई
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Loading...