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23 Dec 2021 · 1 min read

घर के बंद कमरों में

सड़क के किनारे
रह रहे लोग अक्सर
बस जाते हैं
घर में महफूज रह रहे लोग
ज्यादातर उजड़ जाते हैं
बिना दीवारों
बिना दरवाजों
बिना खिड़कियों के
सब एक दूसरे को
शायद ज्यादा अच्छे से
देख पाते हैं
समझ पाते हैं
एक दूसरे के दुख दर्द बांट पाते हैं
घर के बंद कमरों में तो
लोग
एक जेल में बंद कैदी की
तरह
अपनी अन्तर्मन की
आवाजें सुन सुनकर ही
एक दिन किसी को बिना कुछ
बताये
घुटकर मर जाते हैं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
235 Views
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