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20 Dec 2021 · 1 min read

हिंदुओं की शिक्षा संस्थाओं के साथ भेदभाव अनुचित

हिंदुओं की शिक्षा संस्थाओं के साथ भेदभाव अनुचित
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हिंदुओं को उनकी शिक्षा संस्थाओं के संचालन के अधिकार से केवल इसलिए वंचित कर दिया जाता है क्योंकि वह हिंदुओं द्वारा स्थापित शिक्षा संस्थाएं हैं । अर्थात हिंदू अपनी शिक्षा संस्थाएं खोल तो सकते हैं लेकिन उसको चलाने की स्वतंत्रता उन्हें प्राप्त नहीं है।
सरकारी अधिकारी और नेतागण मनमाने ढंग से हिंदुओं की शिक्षा संस्थाओं में न केवल हस्तक्षेप करते हैं बल्कि उत्पीड़न की हद तक यह प्रवृत्ति पहुंच जाती है ।
हमारी मांग है कि धर्म के आधार पर हिंदुओं के साथ भेदभाव समाप्त होना चाहिए तथा उन्हें भी अपनी शिक्षा संस्थाओं को संचालित करने का उतना ही अधिकार मिलना चाहिए जो गैर-हिंदुओं को उपलब्ध है ।
यह समानता के अधिकार का विषय है और पूरी तरह एक धर्मनिरपेक्ष विचार है ।
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रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451

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