Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2021 · 10 min read

चाकू

4कहानी = चाकू जो एक क्राइम कहानी हैं। रील =4
स्क्रिप्ट रौशन राय का

बड़े ध्यान से सुन रहा था उस बुढ़िया को देख कर जे के चौक गया पर बुढ़िया को साफ नहीं देखता था बुढ़िया ने ये महसूस किया कि शायद जे के ही खड़ा हो बुढ़िया को देखते ही जे के चौका और पैर दबा कर वहां से निकल गया बुढ़िया कमरे में प्रवेश करते ही बोली कि यहां पर कोई खड़ा था और शायद वो तुम लोगों का बात सुन रहा था सावित्री सागर को देखा और कहा दादी अम्मा कौन था आपने देखा नहीं, तो बुढ़िया ने कहा उस वक्त मैं चश्मा नहीं लगाई थी जब तक चश्मा लगायी तब तक वो निकल गया, सागर ने फिर पुछा दादी अम्मा आप तो बहुत बुजुर्ग हैं और आपको तो सबका रहन सहन आहट के बारे में पता त़ो होगा कि इस पर बुढ़िया बोली उसी के कारण तों मैं कह रही हूं कि वो जे के ही था उसके शरीर का वस्त्र सफेद रंग का था।औजो सही में जे के सफेद वस्त्र ही पहनता था एकदम भारतीय पोशाक धोती कुर्ता बुढ़िया की बात सुनकर चारों व्यक्तियों को बड़ा आश्चर्य हुआ कि जे के जी छुपके हमारा बात क्यों सुन रहें थे उनको तो जो भी कहना और सुनना था वो हम सबको कहते और सुनते, सावित्री देवी ने कहा मनू जी आप इस पर क्या बिचार कर सकते हैं तों मनू ने कहा मैं इन पर बिचार तो कुछ नहीं कर सकता क्योंकि जे के जी हर प्रकार से अच्छे आदमी हैं मालती ने मनू के बातों में हां में हां मिलाया पर सागर और सावित्री देवी इस बात को सधारन से नहीं लिया फिलहाल वो दादी अम्मा से बात करने के बाद सावित्री ने मनू और मालती से पुछा कि जिस दिन समीर का कत्ल हुआ उसके दो चार दिन पहले उसको कहां कहां ले गए थे आप दोनों जन घुमाने, तो मनू ने कहा कि अभी घुमने कहां जाते हैं हर तरफ तो मुश्किलें और मौत का डर पसरा हुआ है इस वजह से हम लोग लगभग चार पांच महीना से कहीं घुमने नहीं गए। इस पर सावित्री देवी ने कहा कि देखिए मनू जी और मालती बहन कोशिश किजिए कि आप दोनों कहीं भी किसी से मिलने गए हों तो मनू ने कहा हम कहीं बाहर तों नहीं गए मगर,मगर क्या सागर ने आश्चर्य से पुछा,तो मनू बोला समीर के कत्ल के दो दिन पहले हम तीनों जन मिलकर जे के जी से ही मिलने गए थे जब वो बिमार थे। इस पर सावित्री ने मालती से पुछा कि वहां पर क्या बात हुआ तो मालती बोली कुछ नहीं हम दोनों उनका हाल समाचार पुछने लगें उसी बीच समीर कहने लगा मम्मी पापा यहां से चलो इसे कुछ नहीं हुआ है ये बहाना बना कर लेटा है‌। फिर सागर ने पुछा कि जब समीर ने इस तरह कि बातें कहां तो जे के का चेहरा का भाव कैसा था। इस पर मनू बोला कि समीर के बात को सुनते ही इनके चेहरे का रंग उड़ गया और समीर को गुस्से भरी नज़र से देखा जो हम दोनों ने भी महसूस किया फिर हम दोनों ने समीर से कहा कि बेटा अंकल से माफी मांगों तो वो बोला कि मैं इनसे माफी नहीं मागुंगा और ये मेरा अंकल नही हो सकता। ये उपर से कुछ और,और अंदर से कुछ और है, फिर हम दोनों ने ही उनसे अनुरोध किया कि वो समीर को माफ कर दें। इस पर सागर ने सवाल किया कि आप दोनों के कहने पर जे के जी क्या बोले तो मालती कहने लगी कि वो बोलें कोई बात नहीं बच्चे नादान होता है और उनका नादानी तो भगवान भी माफ़ कर देते हैं तो मैं भला क्यों न इन बच्चे को माफ करुंगा अच्छा जाने दो कोई बात नही मैं इन्हें माफ कर दुंगा। सावित्री क्या क्या फिर से बोलों जे के क्या बोले कि मैं इन्हें माफ कर दुंगा। तों मनू कहने लगा हां वो यही बोलें कि मैं इन्हें माफ कर दुंगा। इस पर सागर बोला मतलब ये कि वो समीर को उस समय माफ़ नहीं किया। मालती बोली आप ऐसा न सोचें एक अच्छे इंसान के बारे में, फिर सावित्री बोली नहीं नहीं मालती बहन हम जे के जी पर शक नहीं करते हैं, हां मालती बहन तुम एक बात और बताओं कि जिस दिन समीर का कत्ल हुआ उस रात आप दोनों जे के जी से मिलने गई थी और उनका तबियत बहुत खड़ाब था वो समय क्या होता होगा तो मनू कहने लगा सावित्री देवी जी वो समय लगभग पोने चार के आस पास होगा और सागर डाॅक्टर के रिपोर्ट के हिसाब से समीर के कत्ल का समय भी लगभग यही है, सागर हां सावित्री तुम ठीक कह रही हो दो चार मिनट आगे पीछे हो सकता है। सागर फिर मनू से पुछा कि मनू जी ये बताइए कि जब जे के जी का तबियत अधिक सिरियश था तो वहां पर कितने लोग मौजूद रहे होंगे जब आप दोनों वहां पर थे। तो मनू कहने लगा कि सागर जी मैं गीना तो नहीं पर वहां लगभग पन्द्रह से बीस आदमी तो जरूर होगा और वो लोग भी धीरे धीरे अपने अपने घर चले गए और मैं और मालती आधा घंटा तक रुका रहा तो देखा कि अचानक। सावित्री देवी अचानक, अचानक क्या तभी मालती बोली कि हमने देखा कि जे के जी के तबियत में बहुत तेजी से सुधार होने लगा। सागर बोल पड़ा जो तबियत एकदम खड़ाब था वो अचानक ठीक होने लगा। मनू बोला हां सागर जी और दस मिनट में वो नोर्मल हो गए सागर सावित्री के ओर देखने लगा और बोला जो तबियत उतना शिरियश था वो अचानक दस मिनट में ठीक हो गया। तो जे के जी आपके सामने कोई दवा तो खाया ही होगा। मालती कहने लगी कि वो हमारे सामने कोई दवा नहीं खाए मनू और मालती से बात करने पर पता चला कि जे के शक के दायरे में आ ही गया। उसके बाद सागर ने मनू से कहा कि मनू जी ये बताइए कि जब वो इतना शिरियश बिमार थे तो किसी न किसी डॉक्टर को दिखाएं तो होंगे ही इस पर मालती बोली वो डॉक्टर को दिखाएं कि नही मुझे नहीं पता,ये तो बहुत ही आश्चर्य की बात है कि व्यक्ति इतना शिरियश बिमार हो और डॉक्टर के पास न जाए इसका क्या मतलब हो सकता है ऐसा सागर ने कहा। अच्छा मालती बहन तुम ये बताओ कि उनको बिमारी था क्या। तो मालती कहती हैं उनको सिर्फ बुखार ही आता है और वो भी बहुत तेजी से। तो सावित्री कहती है कि ये तो साफ साफ दिखाई देता है कि वो व्यक्ति बिमार ही न हो और बिमार होने का ढोंग करता है। इस पर मनू बोला नही नही वो सही में बिमार पड़ते हैं और बुखार मापने की थर्मामीटर से वो चेक हमेशा करते रहते हैं सागर‌‌ चेक हमेशा करते रहते थे। हूं अब तो पता लगाना ही पड़ेगा इस राज का की मामला क्या है सागर दम भरते हुए बोला। सावित्री और सागर ने मनू और मालती को कानुन का डर दिखाते हुए सख्त शब्दों में कहा यदि ये चार आदमियों का बात पांचवें तक पहुंचा तो आप दोनों को तुरंत गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में भेज दिया जाएगा इसलिए अपने जुवान को सिल कर दो अभी का बात और हम दोनों की असलियत के लिए, क्यों कि दोषी दुर नहीं है सावित्री और सागर ने एक बार फिर से अपना आई डी मालती और मनू को दिखाया और सचेत कर दिया। और वहां से सावित्री सागर अपने घर आ गया। उधर जे के अपने घर जाकर आज पहली बार सोचा कि आज कुछ गलती हुआं हमसे, हमें वहां नहीं रुकना चाहिए था फिर वो कुछ सोचने के बाद तय किया कि हमें अभी मालती के घर जाकर ये कह देना चाहिए कि वहां पर मैं ही था तुम्हें कुछ कहना था वो मैं भुल गया वहीं पर सोचने लगा खड़ा हो गया तब तक बुढ़िया काकी आई। सावित्री और सागर अपने घर पहुंचकर सारे कामों को छोड़कर दोनों एक-दूसरे के करीब बैठ गया और सागर बोला सावित्री मालती और मनू के बात सुनने के बाद तुम कहां तक पहुंची तो सावित्री बोली हमें तों सोलह आने जे के का ये धोती कुर्ता और सादगी वाला भेष में अंदर से कुछ और होने का संदेह का बूं आ रहा है। पर सागर तुम क्या सोचते हो,तो सागर ने कहा हमारा सोच एक जैसा ही है इस पर दोनों जन बहुत से बातें की और आपस में प्लानिंग किया कि जे के के थोड़ा थोड़ा करके करीब जाना चाहिए और छोटे बड़े यानी कि जे के हर एक बात पर ध्यान रखेंगे। और सावित्री ने जो बात करते उस लड़की (रीना)की जे के के मोबाइल से चार नंबर लिया था उस पर भी सर्चिंग शुरू हो गया था कि जिसके मोबाइल नंबर का शुरुआती चार अंक ऐसा हो सब निकालने के लिए तो निकाला गया कम से कम तीस हजार से अधिक नंबर निकला देश विदेश तक सामिल है ऐसे चार अंक वाला नंबर में। विदेश का नंबर निकला दिया तो लगभग बाइस हजार नंबर निकला भारत का उसमें से सभी राज्यों का अलग अलग कर दिया और सभी राज्यों में हर जीला का अलग कर दिया गया और हर जीला का थाना और थाना का एड़ियां पर रीना नाम का तो लगभग हर राज्य जिला थाना में काफी मात्रा में कस्टमर मिला परेशानी रुकने का नाम नहीं ले रहा था फिर भी परेशानी को खत्म तो करना था सारे लोग भयभीत होकर घर में दुबक गया था एक अपनी मां सम्मान के लिए और अपने बर्चस्व के कारण जे के ने कितनों को मार दिया कितनों को मरवा दिया लेकिन जुर्म का खात्मा तों होना ही है चाहे आज हो या दस दिन के बाद। धीरे धीरे बात बढ़ ही रहा था रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। लोग सिर्फ और सिर्फ हर रोज जो समान प्रयोग किया जाता है वही समान लेने लोग घर से बाहर निकलते जैसे सब्जी रासन दवाई के लिए।अब मनू और मालती अपने घर में दो जन बचें समीर की याद जा नहीं रहा था आंखों के सामने समीर का चलना खाना रुटना हंसना सब याद आ रहा था। मालती और मनू आपस में बातें करते की कौन हो सकता है ऐसा आदमी जो इतना खुन कर रहा है न बच्चा समझता और ना ही जवान,बुढ़ा औरत लड़की देखने में जे के जितना सिधा था वो अंदर से उतना ही खतरनाक था उनका कहा तो सब मानते थे पर ज़ोर कोई उनके खिलाफ कुछ भी बोले समझो उसका टिकट कट गया इस धरती पर से चाहें वो कोई भी हो। मगर इस बुढ़िया काकी को मारने के लिए जे के को कोई राह नहीं मिल रहा है और वो अभी इस समय रीना को भी नहीं कह सकता सोचा कुछ दिन रुक जाते हैं और कोई दुसरा लड़का या लड़की को ढ़ुढंने लगा, जे के ने रीना से कहा कि एक लड़की को ढ़ुढंने के लिए जो काम को अंजाम देने के काविल हो और रीना ने दुसरे को ढ़ुंढा और तिसरे ने चौथे को और चौथे ने पांचवें को ढुंढा आरोही राय जों एक क्राइम आॅफिसर है आरोही राय अपना भेष बदलकर काम करने के तलाश में भटक रही थी तो एक लड़की ने चौथे लड़की दिव्या से मिलवाया और दिव्या ने उसे सारा काम बता दिया और आरोही राय जो एक क्राइम आॅफिसर है बात टन कर दिया। आरोही राय अपने हाथ में एक अंगुठी पहन रखी थी जिसमें केमरा रेकाॅर्ड करता था और वायरलेस भी था इधर आरोही राय चौथे लड़की दिव्या से जो भी बातें करती वो सब उधर क्राइम ब्रांच के आॅफिस में आॅफिसर लोग टी वी पर लाइव देख रहे थे। आरोही राय इतना होशियारी से काम ले रही थी कि किसी को जड़ासा भी शक नहीं हो रहा था। आरोही राय ने कहा कि जिसका कत्ल करना है उसका फोटो और पता दो दिव्या ने आरोही राय को फोटो संग पता दिया और कहा काम बड़ी सावधानी से करना होगा चारों तरफ अभी पुलिस का बड़ा सख्त पहरा है यदि तुम पकड़ें गए तों तुम्हारा जिन्दगी खड़ाब हो जाएगी तो आरोही राय ने कहा आप निश्चिंत होकर हमें हमारे काम करने दो आरोही राय और दिव्या में जो बातें हो रही थी वो उस अंगुठी रुप कैमरे से सिधा क्राइम ब्रांच आॅफिस पर सब देख रहें थे आरोही राय ने फोटो और पता लेकर कहां काम होने में दस से पंद्रह दिन तक लग सकता है सो आप हमें डिस्टर्ब नहीं करेंगे तों दिव्या ने कहा काम किसी भी हाल में होना चाहिए नहीं तो तेरा अंजाम बहुत बुरा होगा आरोही राय ठीक है कहके वहां से चल दिया और अपने आॅफिस में बात किया फोटो और पता क्राइम ब्रांच के आॅफिस से सभी आॉफिसर को भेज दिया वो फोटो और पता सबके मोबाइल पर गया सबने देखा तो सब मना कर दिया कि ये इधर का नहीं है लेकिन अभी तक सागर और सावित्री का कोई फोन नहीं आया क्योंकि की वो बुढ़िया काकी अपने घर के वाशरुम रात को गई थी और उसका कत्ल हो गया था उसी अफरा तफरी में सागर और सावित्री व्यस्त थी। तभी सावित्री के मोबाइल पर फोन आया कि सावित्री जी आपके और सागर के वाटशप पर एक पता और एक बुढ़ी औरत का फोटो गया है हमको लगता है कि आप दोनों इसी बुढ़ी औरत के बारे में कह रह रहे थे। सावित्री चौंकी और सागर को वाटशप खोलने को कहा सागर ने जैसे वाटशप खोला तो देखा कि ये तो बुढ़िया काकी हैं जो मारी जा चुकी है उधर से आॅफिसर ने कहा कि इस बुजुर्ग महिला को मारने कि बात हो रही हैं तो सावित्री ने कहा जहां मैं अभी हूं ये पता और ये बुजुर्ग महिला यही की हैं जो मारी जा चुकी है।ये सुनते ही आॅफिसर का भी दिमाग एकबार चक्कर खा गया और सोचन

Language: Hindi
481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
रोला छंद -कहें सुधीर कविराय
रोला छंद -कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
अब
अब
Rambali Mishra
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
नूर ए मुजस्सम सा चेहरा है।
Taj Mohammad
कड़वा सच
कड़वा सच
Jogendar singh
अभी तो सुबह हुई है, जरा शाम हो जाने दो!
अभी तो सुबह हुई है, जरा शाम हो जाने दो!
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चुगलखोरों और जासूसो की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
Like a stupid little rowing boat, on the mocking, scornful s
Like a stupid little rowing boat, on the mocking, scornful s
Manisha Manjari
आज़ादी!
आज़ादी!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
परछाईं (कविता)
परछाईं (कविता)
Indu Singh
शिक्षा ही जीवन है
शिक्षा ही जीवन है
SHAMA PARVEEN
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
दिली नज़्म कि कभी ताकत थी बहारें,
manjula chauhan
*धनतेरस पर स्वास्थ्य दें, धन्वंतरि भगवान (कुंडलिया)*
*धनतेरस पर स्वास्थ्य दें, धन्वंतरि भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहे
दोहे
Rashmi Sanjay
Writing Academic Papers: A Student's Guide to Success
Writing Academic Papers: A Student's Guide to Success
John Smith
चिट्ठी
चिट्ठी
श्रीहर्ष आचार्य
अमर रहे अमर रहेे
अमर रहे अमर रहेे
Shinde Poonam
जो शिद्दत है एहसासों में
जो शिद्दत है एहसासों में
मनोज कर्ण
कहा जाता है
कहा जाता है
हिमांशु Kulshrestha
सफलता
सफलता
विक्रम सिंह
''ये बरसों का सफ़र है हमारे माँ बाप का''
''ये बरसों का सफ़र है हमारे माँ बाप का''
शिव प्रताप लोधी
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय प्रभात*
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
"जिद्द- ओ- ज़हद”
ओसमणी साहू 'ओश'
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
8) “चन्द्रयान भारत की शान”
Sapna Arora
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आज की तरह तुम ना मिलो दोस्त में कोई भीखारी नहीं हूं ?
आज की तरह तुम ना मिलो दोस्त में कोई भीखारी नहीं हूं ?
Iamalpu9492
4221💐 *पूर्णिका* 💐
4221💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...