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13 Jun 2016 · 1 min read

ग़ज़ल :-- तुझे पाने की चाहत में !

ग़ज़ल :– तुझे पाने की चाहत !
गजलकार :– अनुज तिवारी

तुझे पाने की चाहत में मेरी दुनियाँ उजड जाये !
प्यार की गुफ्तगू तुमसे कहीं महगीं ना पड जाये !

दिलों का मोल क्या जहाँ नाते भी बिकते हों !
दिलों की हेरा-फेरी मे कहीं आफत ना बढ जाये !

तेरी रंगत मे ख्वाबों की एक दुनियाँ बनाई थी !
ये मीठे ख्वाब पतझड के पत्तों से ना झड जाये !

तराने छेड कर मीठे कहीं तुम गुम ना हो जाओ !
यहाँ मिलने से पहले कहीं ना हम बिछड जायें !

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