Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 Dec 2021 · 1 min read

संदेश न, संदेह है, मिटे है, प्रीत देह l

संदेश न, संदेह है, मिटे है, प्रीत देह l
देह बाहरी भीतरी, एक दिन बने खेह ll

भाग्य दुर्भाग्य जो चले, लिए हाथ में हाथ l
तो दुर्भाग्य मिटे मिटे, ले भाग्य साथ साथ ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

Loading...