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29 Nov 2021 · 1 min read

'तेवर तेरा'

मुद्दे तो हजारों हैं इस जिन्दगी में खैर जाने भी दीजिए,
दरवाजा बंद किए बैठे हैं क्यों? किसी को आने भी दीजिए।

एक बार खुद से पूछो कुसूर अपना किसी और से पूछना क्या,
दाल गला न सके तुम तो अब उसे खुद गलने भी दीजिए।

जल रही है लौ अगर उससे दूरी बनाए रखना लाज़मी होगा,
तेवर बैलेंस करने के लिए आप कुछ ठंडा ही पी लीजिए।

आकर भीतर वो हाल बस तुम्हारा-अपना जानेंगे और बताएंगे ,
और कुछ नहीं इसे उनकी इंसानियत ही समझ लीजिए।

स्वरचित-गोदाम्बरी नेगी
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