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17 Nov 2021 · 1 min read

त्यौहार हिन्द के(बाल कविता)

त्यौहार हिन्द के(बाल कविता)
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यह देखो त्यौहार हिन्द के
कितने प्यारे – प्यारे
कभी चाँद को देखा हमने
नभ के कभी सितारे

कभी सूर्य को अर्ध्य
कभी गंगा जी गए नहाने
देखा उगता सूर्य – डूबता
नदिया इसी बहाने

सूरज चाँद सितारे नभ से
जोड़ो अपने नाते
नमन करो माटी को अपनी
यह त्यौहार बताते
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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