मध्य प्रदेश के जनजातीय नायक
गौरवशाली इतिहास है, जनजाति का हृदय प्रदेश में
स्वाधीनता संग्राम के महासमर, आजादी के बलिदान में
बिरसा मुंडा ने बिद़ोह किया, अंग्रेजों से टकराए थे
किया समाज को जाग़ित, अपने प्राण गंवाए थे
अपने आदर्शों के कारण, भगवान वही कहलाए थे
राजा संग्राम शाह, रानी दुर्गावती, शंकर और रघुनाथ शाह
हुए वीर बलिदानी
अंतिम सांस तक लड़ते लड़ते,दे दी अपनी कुर्बानी
भीमा नायक, टंट्या मामा, खाज्या नायक इतिहास पुराना है
लड़े समाज के अधिकारों को, दुनिया ने पहचाना है
बादल, सेहरा,अमरु भोई,इमरत,लोटिया,टापरू भोई
झंका और पारथी भाई, भारत माता की शान बढ़ाई
शहीद हुई थीं,मुड्डे बाई
राजा उम्मेर सिंह गोंड,राजा ढिल्लन शाह गोंड, देवी सिंह गोंड
राजा महिपाल सिंह गोंड,राजा गंगाधर गोंड,गोंडों के महानायक थे
अंग्रेजी राज्य के दुश्मन, और महाविनाशक थे
रघुनाथ मंडलोई भिलाला,सीतारम कंवर भिलाला
सरदार विष्णु सिंह उईके, जाने जाते हैं
गौरवशाली इतिहास है इनका, जन जन में पूजे जाते हैं
आज हृदय से नमन, सभी वीर सेनानियों का
जनजाति के गौरव, मध्य प्रदेश के लाड़लों का
सुरेश कुमार चतुर्वेदी