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13 Nov 2021 · 1 min read

हमारे दर्द को यारो नहीं तुम शायरी समझो।

गज़ल
1222……1222……1222…….1222
समझना है हमारा दर्द तो बेशक सही समझो।
हमारे दर्द को यारो नहीं तुम शायरी समझो।

नहीं चूल्हा जला है आज मेरे घर मे भी तो क्या,
अरे उपवास पर हैं हम न इसको भुखमरी समझो।

मिला है दिल किसी से मिलते हँसते बात करते हैं,
कई रिश्ते जहाँ में हैं न इसको आशिकी समझो।

अगर इस जिंदगी में हम किसी के काम आ जाएं,
सफल हो जायेगा जीना सफल ये जिंदगी समझो।

अगर भगवान को चाहो बनो इंसान के प्रेमी,
करम ये ही धरम ये ही इसी को बंदगी समझो।

……✍️प्रेमी

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