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11 Nov 2021 · 1 min read

इंसाफ

इंसाफ
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मानव अब खुद को
भगवान है,
तभी तो ईश्वरीय व्यवस्था में
अवरोध खड़े करता है,
भगवान को जो करना है
अब मानव करने लगा है।
उसे ईश्वर पर भरोसा नहीं रहा
तभी तो वो अपने तराजू पर
इंसाफ तौल ही नहीं रहा
इंसाफ भी खुद ही कर रहा।
किसी को जीवन तो दे नहीं सकता
मगर अपने स्वार्थ की खातिर
लोगों को इंसाफ के नाम पर
सरेआम मौत दे रहा।
◆ सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित

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