नकली छत अच्छी लगती है (गीतिका)
नकली छत अच्छी लगती है(गीतिका)
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(1)
असली छत से सबको नकली छत अच्छी लगती है
कहा “फाल्स सीलिंग” ने अब किस्मत अच्छी लगती है
(2)
उठकर सुबह ध्यान की मस्ती की मदिरा को पीना
आदत एक बनी है यह जो ,लत अच्छी लगती है
(3)
जिनको पैसा ही प्यारा है , पूज रहे पैसे को
पैसा ज्यादा ,कम उनको इज्जत अच्छी लगती है
(4)
बीच सड़क पर मेरी गलती को खुलकर कह देना
खरी-खरी कहने की यह आदत अच्छी लगती है
(5)
अकड़ी गर्दन हो या हो अकड़ा शरीर लोगों का
मुर्दों जैसी किसको यह हालत अच्छी लगती है
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451