हो जाती धनतेरस (गीतिका)
हो जाती धनतेरस (गीतिका)
■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
धन है जिसके पास, उसी की कहलाती धनतेरस
अगर जेब में धन है , रोजाना आती धनतेरस
( 2 )
सजे हुए बाजारों में , मॉलों में जाकर देखो
हुई ऑनलाइन शॉपिंग, यह बतलाती धनतेरस
(3)
जो चुनाव में हारा बेचारा मुँह दिखा न पाता
पाँच साल तक जीते के घर, धन लाती धनतेरस
( 4 )
किसके घर लक्ष्मी जी जाएँ, कोई नियम नहीं है
जहाँ ले गया उल्लू उसकी , हो जाती धनतेरस
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451