Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2021 · 1 min read

कितना कमजोर है यह आदमी नाम का जीव

कितना खायेगा
पेट फट जायेगा
अपनी शवयात्रा में
अपने शव के साथ
अपने पेट से जो
सारी उम्र खाया
क्या उसे बांधकर भी
अपने साथ ले जायेगा
कितना कमजोर है यह
आदमी नाम का जीव
इसे भली प्रकार से पता है
इस संसार में सब कुछ
अस्थाई है पर
इसकी हवस का घड़ा कभी
नहीं भरता
इसके लालच की भूख कभी
मिटती ही नहीं
न जाने कितनों के
घर उजाड़ता है
कितनों के दिल तोड़ता है
कितनी जिन्दगियों को बर्बाद
करता है
अपना एक महल बनाने के
लिए
अपने अंदर बुरे विकार,
गंदी आदतें और
व्यसन पनपाने के लिए
क्या बनेंगे ऐसे
बेईमान और भ्रष्टाचारी
लोगों के बच्चे
संस्कारी
लेकर तो कुछ जा
सकते नहीं
क्या देकर जायेगा
ऐसा वीभत्स
हृदय को चकनाचूर करने
वाला
व्यभिचारी।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Minal Aggarwal
View all

You may also like these posts

उल्फ़त
उल्फ़त
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
"वाणी की भाषा": कविता
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गगन में लहराये तिरंगा
गगन में लहराये तिरंगा
नूरफातिमा खातून नूरी
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
bharat gehlot
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
Ranjeet kumar patre
..
..
*प्रणय प्रभात*
शुभ प्रभात
शुभ प्रभात
Rambali Mishra
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम।
Abhishek Soni
मेरा तकिया
मेरा तकिया
Madhu Shah
सैल्यूट है थॉमस तुझे
सैल्यूट है थॉमस तुझे
Dr. Kishan tandon kranti
तुझमें बसते प्राण मेरे
तुझमें बसते प्राण मेरे
ललकार भारद्वाज
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
क्षमा करो अपराध हमारा (गीत)
क्षमा करो अपराध हमारा (गीत)
Ravi Prakash
वो एक शाम
वो एक शाम
हिमांशु Kulshrestha
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
Rj Anand Prajapati
*जिंदगी*
*जिंदगी*
नेताम आर सी
शिद्दत से की गई मोहब्बत
शिद्दत से की गई मोहब्बत
Harminder Kaur
डरना क्या है?
डरना क्या है?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जहिया भरपेटा पी लेला
जहिया भरपेटा पी लेला
आकाश महेशपुरी
दुलहिन
दुलहिन
श्रीहर्ष आचार्य
समय बदलता
समय बदलता
surenderpal vaidya
औरत हूँ मै!
औरत हूँ मै!
RISHIKA
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
मुक्तक _ चाह नहीं,,,
Neelofar Khan
मौन पर त्वरित क्षणिकाएं :
मौन पर त्वरित क्षणिकाएं :
sushil sarna
अदान-प्रदान
अदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
जीवन रथ के दो पहिए हैं, एक की शान तुम्हीं तो हो।
सत्य कुमार प्रेमी
डर के आगे जीत है!
डर के आगे जीत है!
Jaikrishan Uniyal
मैं मजदूर हूँ
मैं मजदूर हूँ
Kanchan verma
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...