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6 Nov 2021 · 1 min read

भैया दूज मनाती बहना...( भाई दूज पर्व पर विशेष कविता )

भाई की दीर्घायु एवं सुख समृद्धि हेतु ,
सदैव मंगल कामना करती बहना।
ना धन दौलत ,ना महंगे तोहफों की लालसा,
बहना को केवल भाई के स्नेह की चाहना।
भाई शहर से दूर हो या पास उसकी ,
सलामती की ही दुआ करती है बहना ।
बहन यदि दूर ससुराल में रहती हो ,
और भाई से ना मिल पाए ।
तो बादाम के टुकड़े को भाई मान ,
तिलक लगाकर खुद को बहलाती बहना ।
बहना और भी व्याकुल हो जाए ,
जब भाई भी उसे न मिल पाए।
रो रो कर दामन आंसुओं से भिगोती बहना।
है ईश्वर ! यही प्रार्थना है तुमसे,
कभी भी किसी व्यस्तता के कारण ,
भाई बहन को जुदा न करना ।
भाई दूज और रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व ,
पर उन्हें अवश्य मिलाना ।

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