Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2021 · 1 min read

दीपमालिका चमके

अंत:दीप जले
अंतर्मन हुलसे,
अंधियारे का अंत
अंतर्द्वन्द सुलझे।
दीपमालिका चमके

आलौकिक ज्योति जले
जड चेतन ब्रम्हाण्ड तले,
शुद्ध भाव जागे
आत्मदीप जले।
दीपमालिका चमके

प्रसन्नता के फूल
मिटे राहों के शूल,
जीवन हो तरंगित
मन जाए झूल।
दीपमालिका चमके

दया करूणा जागे
हिंसा वैमनस्य भागे,
कर्तव्यनिष्ठ प्राणी
पथ पर रहे आगे।
दीपमालिका चमके

आत्मनिर्भर रहें
समर्थवान बने,
हो देने की चाह
अपना कूप खने।
दीपमालिका चमके

सहयोग सभी से
मेल बढे इसी से,
श्रेष्ठ सभी कम न कोई
संतुष्टि सुख इसी से।
दीपमालिका चमके

स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
?
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ashwani Kumar Jaiswal
View all

You may also like these posts

कितने पन्ने
कितने पन्ने
Satish Srijan
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
नाकामयाबी
नाकामयाबी
भरत कुमार सोलंकी
मेघ रुपहले राज छुपा कर, जीवन को हरसाता है।
मेघ रुपहले राज छुपा कर, जीवन को हरसाता है।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
02/05/2024
02/05/2024
Satyaveer vaishnav
* यह टूटती शाखाऐं है *
* यह टूटती शाखाऐं है *
भूरचन्द जयपाल
रोटी जैसे राम
रोटी जैसे राम
Shriyansh Gupta
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
आओ हम तुम संग चाय पीते हैं।
आओ हम तुम संग चाय पीते हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
मधुमास में बृंदावन
मधुमास में बृंदावन
Anamika Tiwari 'annpurna '
मत करो हमसे यह परदा
मत करो हमसे यह परदा
gurudeenverma198
Trust his plan! ❤
Trust his plan! ❤
पूर्वार्थ
मेरा वाला शंकर है
मेरा वाला शंकर है
Dhirendra Panchal
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
*गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)*
*गरीबी में न्याय व्यवस्था (जेल से)*
Dushyant Kumar
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
singh kunwar sarvendra vikram
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
सत्य/असत्य
सत्य/असत्य
Rajesh Kumar Kaurav
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
पता नहीं लोग क्यूँ अपने वादे से मुकर जाते है.....
shabina. Naaz
हो जाए
हो जाए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"अभिलाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
आवारा
आवारा
Shekhar Chandra Mitra
खतरनाक आदमी
खतरनाक आदमी
Dr MusafiR BaithA
*अध्याय 2*
*अध्याय 2*
Ravi Prakash
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
आत्महत्या
आत्महत्या
अंकित आजाद गुप्ता
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
3264.*पूर्णिका*
3264.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...