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2 Nov 2021 · 2 min read

धनतेरस

✒️?जीवन की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस या धनत्रयोदशी कहते हैं। दीवाली की शुरुआत धनतेरस से ही होती है और इस दिन धातु की चीजें खरीदने का रिवाज है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही देवताओं के वैद्य धन्वंतरि समुद्र मंथन से हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इसे धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन श्री गणेश, धन के देवता कुबेर, औषधि के देवता धन्वंतरि तथा सुख, समृद्धि तथा वैभव की देवी महालक्ष्मी की पूजा विधि विधान से एक साथ की जाती है। इस दिन सुख, संपत्ति के साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिए पूजा करने का विधान है। धनतेरस के मौके पर लोग माता लक्ष्मी और धन देवता कुबेर को प्रसन्न करने के लिए तत्पर रहते हैं लेकिन भगवान धन्वंतरि को भूल जाते हैं जिनकी कृपा से स्वास्थ्य और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। यही कारण है दीपावली के पहले, यानी धनतेरस से ही दिवाली का आरंभ हो जाता है। धनतेरस पर एक साथ होती है गणेश, लक्ष्मी, कुबेर व धनवंतरि देव की पूजा.

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की किसी भी पूजा को आरंभ करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है क्योंकि वह सबके आराध्य हैं:
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की श्री गणेश की पूजा करने के बाद आयुर्वेद के संस्थापक भगवान धन्वंतरि की पूजा :
ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये
अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय
त्रैलोक्य पतये, त्रैलोक्य निधये
श्री महा विष्णु स्वरूप, श्री धन्वंतरि स्वरुप
श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया कीकुबेर देव को धन का अधिपति कहा जाता है। कुबेर देव की पूजा सूर्य अस्त के बाद प्रदोष काल में करनी चाहिए:
ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय।

आखिर में एक ही बात समझ आई की धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की पूजा सूर्य अस्त होने के बाद प्रदोष काल में करनी चाहिए:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

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