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1 Nov 2021 · 1 min read

आज वो नही आया उसका इंतजार हुआ

आज वो नही आया उसका इंतजार हुआ
पाने को एक झलक दिल ये बेकरार हुआ।

नज़र आया करता था जिस गली जिस सड़क
था उसमें भी वीराना पसरा हुआ।

न जाना कभी ये रौनक उसी से थी
राहों की ये चमक उसी से थी
शोर उसी से था,जजबात उसी से
भर गया मन दिल खाली हुआ ।

गूंज रही थी उसकी आवाज जहां
उसकी बातों का वो आगाज भी खत्म हुआ

लगे थे कहकहे कल तक
शोर भी वो जाने कहा गुम हुआ।

खड़ा रहता था घण्टों वो जिस जगह
था वहां से खोया हुआ

खुली बस्ती में जो ठहरा
जाने कहा मसरूफ हुआ।

आज़ाद सा राहों में खड़ा
जाने कहाँ महफूज़ हुआ।
ढूंढ रहा था दिल उसी को शायद
लग रहा कुछ सहमा हुआ।

हवा भी वही थी घटा भी वही
फिर भी था सब कुछ बदला हुआ।।

“कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 288 Views
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