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31 Oct 2021 · 1 min read

तखलीक की निखार भी तनकीद ही से है ।

तखलीक की निखार भी तनकीद ही से है ।
कांटों में रहना होगा अगर फूल बनोगे ।
नामुमकिन मराहिल पे फतह होगी तुम्हारी।
यह शर्त है गर राह पे तुम चलते रहोगे।
तखलीक= निर्माण, सृजन,पैदा करना
तनकीद= criticism،आलोचना
मराहिल =चरण
फतह= विजय ,जीत
राह= रास्ता , मार्ग

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