Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2021 · 1 min read

तुम्हें चाहा तुम्हें चाहा ____ मुक्तक

तुम्हें चाहा तुम्हें चाहा यही तो चाहत है जागी।
आफत सारी मिट जाए इजाजत तुमसे है मांगी।।
तुम्हारे बिन हमारी जिंदगी का ना कोई मकसद।
प्रेम की हूंक उठी दिल में लगन फिर ऐसी है लागी।।
############################
दीवाना तेरी चाहत का तुझे मैं अपना बना लूंगा।
जगा के दिल में तेरे प्यार प्यास सारी बुझा दूंगा।।
प्यार इक पावन बंधन है हम इसमें बंध जाएं।
रिश्ता यह टूट ना पाए, तेरा हर स्वप्न सजा दूंगा।।
**************”””””””””””*******************
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" जमाना "
Dr. Kishan tandon kranti
*दिव्य दृष्टि*
*दिव्य दृष्टि*
Rambali Mishra
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
ओसमणी साहू 'ओश'
मुक्तक __
मुक्तक __
Neelofar Khan
आप सबको रंगोत्सव पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सबको रंगोत्सव पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएं
इशरत हिदायत ख़ान
आशियाना
आशियाना
Dipak Kumar "Girja"
जो है दिल में वो बताया तो करो।
जो है दिल में वो बताया तो करो।
सत्य कुमार प्रेमी
ताकि कोई मोहब्बत में कुछ भी कर गुजरने के लिए मुस्कान और साहि
ताकि कोई मोहब्बत में कुछ भी कर गुजरने के लिए मुस्कान और साहि
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
वो मुझे पास लाना नही चाहता
वो मुझे पास लाना नही चाहता
कृष्णकांत गुर्जर
नजदीकियां हैं
नजदीकियां हैं
surenderpal vaidya
मातृशक्ति
मातृशक्ति
Sanjay ' शून्य'
*लाल सरहद* ( 13 of 25 )
*लाल सरहद* ( 13 of 25 )
Kshma Urmila
सारे शब्द
सारे शब्द
Shweta Soni
प्रभु राम
प्रभु राम
Dr.sima
3271.*पूर्णिका*
3271.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुफ़्तखोरी
मुफ़्तखोरी
SURYA PRAKASH SHARMA
*अहसास*
*अहसास*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है?
कवि रमेशराज
शब्द और उम्र
शब्द और उम्र
Shekhar Deshmukh
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कोई दुख नहीं
कोई दुख नहीं
Meera Thakur
प्रकृति है एक विकल्प
प्रकृति है एक विकल्प
Buddha Prakash
"" *आओ बनें प्रज्ञावान* ""
सुनीलानंद महंत
कृष्णा तेरी  बांसुरी , जब- जब  छेड़े  तान ।
कृष्णा तेरी बांसुरी , जब- जब छेड़े तान ।
sushil sarna
शीर्षक – वेदना फूलों की
शीर्षक – वेदना फूलों की
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
न बोले तुम
न बोले तुम
Surinder blackpen
मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
मेरी सिया प्यारी को देखा अगर
Baldev Chauhan
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
*सर्दी-गर्मी अब कहॉं, जब तन का अवसान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
sp77 नदी नाव मझ धार
sp77 नदी नाव मझ धार
Manoj Shrivastava
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
ज़िंदगी दफ़न कर दी हमने गम भुलाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...