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20 Oct 2021 · 1 min read

मन करता है, सारी दुनिया में सुख शान्ति पहुंचाऊं

मन करता है नील गगन में पंछी बन उड़ जाऊं
सारी दुनिया शांत सुखी हो सारे भेद मिटाऊं
कहीं न हिंसा द्वेष रहें प्रेम प्रीत फैलाऊं
नस्ल जाति धर्म भाषा के झगड़े सभी मिटा पाऊं
मानवता का प्रेमामृत घरती पर बरषा आऊं
सदा सुमन सा खिलूं जगत में दीप सा जलता जाऊं
मन करता है नील गगन में पंछी बन उड़ जाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

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