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19 Oct 2021 · 1 min read

हमारा जहां

** हमारा जहां **
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तुम जहाँ मैं वहाँ,
हो हमारा जहां।

प्रेम मन – पटल पर,
मिट न जाए निशां।

खो गये तुम कहीं,
तुम्हें ढूंढू कहाँ।

तुम बिना कुछ नहीं,
बस आख़री बयां।

जादू भरी नज़र,
रग – रग हुई रवां।

बदन चाहे गिरा,
दिल हमेशा जवां।

मनसीरत कहता,
तुम हो नूरजहाँ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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