Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
18 Oct 2021 · 1 min read

एक तुझसे प्यार था और तू भी

एक तुझसे प्यार था और
तू भी मुझसे दूर भागती है
मैं तुझे कोई नुकसान थोड़े ही न
पहुंचाऊंगी
लेकिन यह भोली
नादान भी क्या करे
इसके कटु अनुभवों की
इसके दिल में घर करी
हुई सोच
इसके पीछे पीछे
एक परछाई की तरह
भागती है।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Loading...