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16 Oct 2021 · 1 min read

दोहे

दो दोहे…..

हस्त लकीरों ने दिया, कर्मशील का साथ |
नहीं सदा बैठे रहें, धरे हाथ पर हाथ ||

कर्म भाग्य के खेल में, मिले कर्म को जीत |
भाग्य भरोसे जो रहा, हरदम हारा मीत ||

@ बी०एल०तोन्दवाल

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