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16 Oct 2021 · 1 min read

इस खामोशी को

तुम्हारे मौजूद न होने पर
यह चारों तरफ पसरी
खामोशी मुझे
एक नासूर सी चुभेगी
यह अहसास मुझे तुम्हारे
मेरे करीब होने पर न था
न तुम्हारी तस्वीर से दिल
बहलेगा
न तुम्हारी यादों से
यह मुझे सच में पता न था
इस खामोशी को न कोई
आवाज तोड़ पा रही
न ही कोई शोर
कौन सा साज मैं बजाऊं कि
मेरा मन कुछ देर को तो
बहले।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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