Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2021 · 2 min read

” हमें धनुर्धर बनना है “

डॉ लक्ष्मण झा”” परिमल ”
===============
कहने के लिए हम कह देते हैं …..”बात सीधी करें ..घुमाके बातों को कहने से समझना थोडा मुश्किल हो जाता है “! ……पर हमें भगवान ने अलग -अलग सांचे में ढाल कर हमारा निर्माण किया है ! रंग रूप थोड़े भिन्य तो होना लाजमी है ! पर इंद्रियां हमलोगों को प्रायः प्रायः एक जैसी ही मिलीं हैं ! इन इंद्रियों में ज्ञान इंद्रिय का समावेश हमलोगों में सभवतः बिना पक्षपात के किया गया ! …..अब हम विभिन्य परिवेशों में रहकर ज्ञान का समुचित विकास कर पायें अन्यथा अपने अकर्मण्यताओं से ज्ञान के प्रकाश दीपक को टिमटिमाने दें !….. तरकस में तीरों को यदि बहुत दिनों तक रखा जाये तो उनमें जंग लग जायेंगे ! ……हमारा शस्त्र हमारी लेखनी ,हमारी भाषा और हमारे विचार हैं ! …..जब तक हम लिखेंगे नहीं …जब तक हम बोलेंगें नहीं और …जब तक अपने विचारों को जग जाहिर ना करेंगे ..तो हमारे भी शस्त्र बेकार हो जायेंगे और हम शायद ही धनुर्धर बन पायें ! ….वैसे तो हम विभिन्य प्रक्रियाओं से अपनी बातें लोगों तक पहुंचा सकते हैं …पर ‘कविता’ वाली विधा हमें बहुत रास आती है !….. कविता के माध्यम से हम बहुत सारी बातें लोगों को बता सकते हैं !….. वैसे जो बातें लेख ,ब्लॉग ,कविता और विचारों में व्यक्त करते हैं वे बातें कभी कभार व्यक्तिगत प्रहार का रूप धारण कर सकती है ! …फेसबुक एक विशाल रंगमंच बन गया है ! हम अपनी कलाओं का प्रदर्शन भरपूर कर सकते हैं ! …….पर व्हात्साप और मैसेंजर पर बेवजह उधार के पोस्टों को पोस्ट करके अपनी प्रतिभा को जंग लगाने से हमें बचाना होगा ! व्हात्साप में हम और समीप हो चुके रहते हैं ! अच्छी बातें ,लेखों ,कविताओं और विचारों को हमें भली भांति पढना और अपनी प्रतिक्रिया देना हमारा संकल्प होना चाहिए ! हमें यदि धुरंधर धनुर्धारी बनना है तो हमें यह नहीं कहना होगा …”बात तो हम सीधी समझते हैं पर आपकी लेख की भाषा मेरे पल्ले नहीं पड़ती”!!!!
=============================
डॉ लक्ष्मण झा”” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
Neeraj Naveed
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
तोड़ सको तो तोड़ दो ,
sushil sarna
ख़त्म होने जैसा
ख़त्म होने जैसा
Sangeeta Beniwal
Elegant rules
Elegant rules
Shashi Mahajan
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
नूर ओ रंगत कुर्बान शक्ल की,
ओसमणी साहू 'ओश'
Setting boundaries is essential for mental health because it
Setting boundaries is essential for mental health because it
पूर्वार्थ
फ़ितरत
फ़ितरत
Manisha Manjari
एक ऐसा मीत हो
एक ऐसा मीत हो
लक्ष्मी सिंह
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
प्रेम और सद्भाव के रंग सारी दुनिया पर डालिए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
देवघर मरघट में
देवघर मरघट में
श्रीहर्ष आचार्य
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
लगे मुझको वो प्यारा जानता है
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
शायद वो हमें, अपने दर पर ही मिल जाते।
शायद वो हमें, अपने दर पर ही मिल जाते।
श्याम सांवरा
Log to jalte hi hai
Log to jalte hi hai
shabina. Naaz
*सिंदूर हिंद का अभिमानी, सिंदूरी अब जयकारा है (मुक्तक)*
*सिंदूर हिंद का अभिमानी, सिंदूरी अब जयकारा है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
"दिल अमीर था और मुकदर गरीब था.
Ranjeet kumar patre
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
बर्बादी
बर्बादी
Adya jha
चाह
चाह
Dileep Shrivastava
जबले जान रही ये जान (युगल गीत)
जबले जान रही ये जान (युगल गीत)
आकाश महेशपुरी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जुनून
जुनून
Sunil Maheshwari
एक छोटी सी बह्र
एक छोटी सी बह्र
Neelam Sharma
■निरुत्तर प्रदेश में■
■निरुत्तर प्रदेश में■
*प्रणय प्रभात*
" हकीकत "
Dr. Kishan tandon kranti
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
लोकतंत्र तभी तक जिंदा है जब तक आम जनता की आवाज़ जिंदा है जिस
Rj Anand Prajapati
टैरिफ़ के ठेकेदार, ट्रम्पी सरकार
टैरिफ़ के ठेकेदार, ट्रम्पी सरकार":अभिलेश श्रीभारती
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
करम के नांगर  ला भूत जोतय ।
करम के नांगर ला भूत जोतय ।
Lakhan Yadav
प्रेम पीड़ा का
प्रेम पीड़ा का
Dr fauzia Naseem shad
Loading...