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13 Oct 2021 · 1 min read

कोई बात

बात
सौ फीसदी समझ आ
जाये और
खिलाफ हो तुम्हारे तो
बड़ा दुख देती है
दिल धड़कता है बेहिसाब
लगता है
अब टूटा
अब टूटा और
यह चटका और
यह टूटकर
जिस्म से बाहर निकलकर
कहीं गिरा
क्या अच्छा होता कि
कोई बात कभी समझ ही
नहीं आती और
मैं इस जीवन को
हंसी खुशी
एक नासमझ छोटे बच्चे की
तरह ही जी
जाती।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
303 Views
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