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9 Oct 2021 · 1 min read

मेलों का मौसम है आया (बाल कविता)

बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
*****************************
धूप गुनगुनी मन को भाई
हल्की ठंड सुहानी आई (1)

मूँगफली अब अच्छी लगती
टूँग – टूँग कर सब ने खाई(2)

कूड़ा- करकट धूल हट रही
घर – घर देखो शुरू पुताई(3)

रावण मारा रामचंद्र ने
सिया कैद से गयीं छुड़ाई(4)

मेलों का मौसम है आया
मस्ती भीतर -बाहर छाई(5)
*********************
रचयिता : रवि प्रकाश, रामपुर

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