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6 Oct 2021 · 1 min read

मुक्तक

सच जो भी हम देख रहे हैं, दुनिया को दिखलायेंगे
निज धर्म-कर्म पर दृढ़ होना दुनिया को सिखलायेंगे
कंपित होगी यह धरती भी ये आसमान हिल जाएगा,
वज्र की भांति वार करेंगे दुश्मन का दिल दहलायेंगे,,

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