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26 Sep 2021 · 1 min read

फूल रात्रि बेला में

कली खिल रही
फूल बन रही
फूल रात्रि बेला में
बंद हो रहा
कली बन रहा
सुबह खिलेगा फिर
फूल बनकर
किसने देखा
उसके रात का स्वप्न टूटते
हुए
सुबह होने पर
ऐसे ही जुड़े लगते हैं
सब
जैसे कभी टूटे ही न थे।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

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